इस भीषण गर्मी में अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर वाल्मीकिनगर में सकारात्मक बदलाव हेतु एकत्रित होने के लिए मैं सभी सम्मानित बुजुर्गों, बहनों, माताओं, एवं नवजवानों को नतमस्तक होकर साधुवाद देता हूं।
इस अप्रतिम समर्थन के लिए मैं सदैव आप सभी का आभारी रहूँगा। मुझे कोई संदेह नहीं कि यह जनसैलाब वाल्मीकिनगर में बदलाव की नई इबारत लिखेगा।
प्रणाम वाल्मीकिनगर